Congress eyes youth, women and sportspersons in assembly elections

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की युवा, महिलाएं और खिलाड़ी पर निगाह, भाजपा समेत दोनों पार्टियों मंे लगी जातिय समीकरण जुटाने की होड़

Congress eyes youth, women and sportspersons in assembly elections

Congress eyes youth, women and sportspersons in assembly elections

Congress eyes youth, women and sportspersons in assembly elections- चंडीगढ़। हरियाणा  में  विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और राजनीतिक दलों  में  नए प्रत्याशियों के लिए सरगर्मी शुरू हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस युवाओं, महिलाओं और खिलाड़ियों को तरजीह देते हुए नए चेहरों की तलाश  में  जुटी है तो दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस पार्टियां जातिय समीकरण भुनाते हुए नई सरकार बनाने की पुरजोर कोशिशों  में  लगी हैं। गौरतलब है कि सूबे की एक चौथाई आबादी जाट वोटों की है। इनमें सिरसा, रोहतक, हिसार व सोनीपत लोकसभा क्षेत्र की करीब 28 विधानसभा सीटों पर जीत-हार का फैसला काफी हद तक जाट मतदाताओं के हाथों में होता  है । इस बार देखना होगा कि लोकसभा चुनाव की तर्ज पर क्या हिसार, सिरसा व रोहतक तीनों जाट बाहुल्य सीटों पर कांग्रेस जीत हासिल करने में कामयाब होगी की नहीं।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पार्टी के अपने जाट व दलित नेताओं को मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस भी अपने परंपरागत वोट बैंक को लेकर चौकस हो गई है और नया रोडमैप बनाने में लग गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीटें घटने व वोट फीसदी में करीब 12 फीसदी की कमी की वजह से भी भाजपा से दलित और जाट वोटों का टिकना बताया जा रहा है। प्रदेश में करीब 21 फीसदी दलित वोट हैं जो विधानसभा की करीब 2 दर्जन सीटों पर सीधा असर डालते हे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के संविधान खत्म करने व आरक्षण खत्म करने के जोरदार प्रचार से भाजपा का दलित वोट बुरी तरह से बिखर गया था। अब भाजपा नए सिरे से इसे बटोरने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कड़ी मंे प्रदेश में नए चेहरों की तलाश में जुटी कांग्रेस अब की बार विधानसभा चुनाव में युवा चेहरों पर दांव खेलकर विरोधियों को चुप कराना चाहती है। पार्टी के नेताओं को विशेषकर महिलाओं, खिलाड़ियों के साथ साथ पंजाबी समुदाय के चेहरे तलाशने को कहा गया है। रोहतक में पंजाबी समुदाय का दबदबा है और यहां से तीन बार ही गैर पंजाबी विधायक बने हैं। इसलिए कांग्रेस यहां नए चेहरों उतार कर दांव खेला है।  कांग्रेस के अलावा भाजपा ने भी रोहतक में डेरा डाल रखा है और पंजाबी समुदाय को साधना शुरू कर दिया है। आने वाले चुनाव मंे देखना होगा कि आखिर कौन सी पार्टी पंजाबी समुदाय से अधिक से अधिक वोट या चेहरे तलाशने में कामयाब होती है।

हुडडा युवाओं की भागीदारी पर लगा चुके मुहर

हालही में पंचकूला में एक कार्यक्रम में पहुंचे कांग्रेस के प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा ने महिला समारोह में शिरकत करते हुए साफ कर दिया था कि यदि कांग्रेस को प्रदेश में जिता सकती हैं तो वे महिलाएं हैं। इस लिए वे पार्टी में अधिक से अधिक महिलाओं और युवा के साथ साथ खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही अहमपदों पर महिलाओं का कब्जा होगा, जिसका समर्थन पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने भी किया और दावा किया कि बतौर घोषणापत्र समिति की प्रमुख होने के नाते वह कांग्रेस के मेनिफेस्टो में अधिक से अधिक महिलाओं से जुड़े मुददों को शामिल कर सरकार मंे विशेष महत्व दिया जाएगा।

रोहतक सिटी सीट में कांग्रेस 10 टिकटार्थी

रोहतक शहर विधानसभा सीट पर पंजाबी समुदाय का ही दबादबा रहा है। रोहतक में विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या करीब 2 लाख पहुंच सकती है। हालांकि विधानसभा चुनाव को लेकर आयो 27 अगस्त को मतदाताओं की फाइनल सूची जारी करेगा। इससे पहले लोकसभा चुनाव के समय 1 लाख 93 हजार मतदाता थे। एक अनुमान के मुताबिक शहर हलके में करीब 80 हजार पंजाबी, 25 से 30 हजार जाट करीब 25 हजार एससी, 25 हजार वैश्य सैनी, 8 से 12 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं और करीब 40 हजार मतदाता अन्य समुदाय से संबंध रखते हैं। विधानसभा हलके में 17 में से 14 बार पंजाबी समुदाय से विधायक चुना गया है। केवल तीन बार वैश्य समुदाय में से प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। इस बार कांग्रेस से 10 तो भाजपा से 5 दावेदार टिकट की दौड़ मंे हैं।

जानें रोहतक मंे कैसे है पंजाबी समुदाय का दबदबा

पंजाबी समुदाय का रोहतक शहर हलके में अब तक दबदबा रहा है। बंटवारे के बाद 1952 से लेकर 2019 तक हुए 17 विधानसभा चुनाव  में  14 बार पंजाबी समुदाय ने ही विधायक चुना गया है। यहां से भाजपा डा मंगलसैन ने 1957 से 1987 तक  नौ चुनाव लड़े और सात में जीत हासिल की। उनके बाद हलके में बतरा बंधुओं का दबदबा चल रहा है। 10 साल मंे रोहतक शहरी हलके में कांग्रेस के मनीष ग्रोवल को 2014 में भाजपा के मनीष ग्रोवर से हार कर सामना पड़ा था। तभी से कांग्रेस के अलावा भाजपा पंजाबी समुदाय को तरजीह देकर अपने अपने खेमों को मजबूत करने में लगे हैं। रोहतक पर अब कांग्रेस का युवा चेहरों पर फोकस टिक गया है।